"भगवान के घर में भेदभाव! दलित युवक की मंदिर में पूजा करने पर बेरहमी से पिटाई"
क्या दलित होना अब भी गुनाह है? बाराबंकी के मंदिर
में दलित युवक को पूजा करने पर बेरहमी से पीटा
गया!"
ताज़ा मामला बाराबंकी ज़िले के प्रसिद्ध लोधेश्वर महादेव मंदिर का है, जहाँ एक दलित युवक — शैलेन्द्र गौतम — ने शिवलिंग पर जल चढ़ाने की हिम्मत की।"
"बस फिर क्या था... पुजारी और उनके बेटों ने उसे मंदिर से खींचकर घंटा, लोटा और लात-घूंसे से पीटा — तब तक जब तक वो अधमरा ना हो गया!"
शैलेन्द्र का आरोप है — ‘मुझे जाति की वजह से पूजा से रोका गया। बोले – तू शूद्र है, पूजा नहीं कर सकता
दूसरी ओर, पुजारी का दावा है कि युवक ने उनकी बहू से छेड़खानी की! यानी अब FIR दोनों तरफ़ से — पर जातीय अत्याचार पर प्रशासन चुप?"
CCTV जांच जारी | जांच में सच सामने आएगा?"
बहरहाल कब मिलेगा दलितों को बराबरी का अधिकार
क्या मंदिर अब भी सवर्णों की जागीर हैं
AKP NEWS 786 आपसे पूछता है — क्या दलितों को पूजा का हक नहीं? जवाब दीजिए!"
रिपोर्ट इमरान खान
AKP न्यूज़ 786
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