Qadri Baba :बस्ती की पवित्र मिट्टी पर रूहानियत का जो नूर बरसता है, उसकी एक जगमगाती किरण आज हज़ारों दिलों को सुकून, हौसला और उम्मीद दे रही है—
सूफ़ी हज़रत एजाज़ आलम खान क़ादरी उर्फ़ क़ादरी बाबा.
दारुल उलूम इस्लामिया फ़ैज़ाने आलम, दमया परसा के प्रिंसिपल और आलम रूहानी मिशन, बस्ती के अध्यक्ष के तौर पर क़ादरी बाबा दुआ, मुराक़बा व तसव्वुरात और तिब्ब-ए-नबवी की रौशन राह पर और रूहानी शर्बत पिलाकर लोगों की मदद का बड़ा वसीला बने हुए हैं।
वे अक्सर फरमाते हैं—
🔮 नकारात्मक असर और अदृश्य परेशानियों में रूहानी हल
हर दिन उनके पास ऐसे लोग पहुँचते हैं जो
नकारात्मक ऊर्जा, आसेब, जिन्न, रहस्यमयी आवाज़ें, घर में डर, कारोबार में रुकावट, बेचैनी जैसी उलझनों में घिरे होते हैं।
क़ादरी बाबा सही तरतीब, रूहानी शर्बत, दुआ और रूहानी बंदिश के ज़रिए उन्हें सुकून, करार और राहत का रास्ता दिखाते हैं।
उनका कहना है—
“जो परेशानी आँखों से नज़र न आए, उसका हल भी रूहानी दुनिया में ही मिलता है।”
🔴 अमोली गाँव का हैरान कर देने वाला वाक़िया
अमोली (बस्ती) के असलम के घर में अचानक
फ़र्श पर ताज़ा खून की बूंदें नज़र आने लगीं।
पूरा परिवार डर से सहमा… किसी को कुछ समझ न आया।
मामला क़ादरी बाबा तक पहुँचा।
उन्होंने रूहानी मुराकबा, खास बंदिश और दुआओं के ज़रिए
घर पर मौजूद नकारात्मक असर को खत्म किया।
कुछ दिनों की रूहानी तरतीब के बाद
डर, दहशत और बेचैनी का नामो-निशान मिट गया—
आज असलम का घर सुकून से आबाद है।
🕌 घरसोहिया का जिन्न-सिपली वाला मामला
घरसोहिया के कुर्बान अली के दो मंज़िला घर पर
“सिपली से भेजे गए जिन्नों” का साया बताया गया।
घर में अजीब हरकतें, अचानक आवाज़ें…
परिवार इतना ख़ौफ़ज़दा हुआ कि मकान छोड़कर किराये पर रहने लगा।
कई मौलवी व आमिल आए—हल न निकला।
फिर वे क़ादरी बाबा के पास पहुँचे।
उनकी रूहानी तरतीब और बंदिश के बाद
ये साया उठ गया, घर महफूज़ हो गया—
और आज वही परिवार उसी घर में चैन से रहता है।
🌙 औलाद से जुड़ी परेशानियों में भी रूहानी मदद
कई ऐसे जोड़े, जिन्हें सालों से
हमल (गर्भ) न ठहरने की परेशानी थी,
क़ादरी बाबा की दुआ और मुराकबा के बाद
खुद कहते हैं—
“अल्लाह ने हमें औलाद की नेमत दी।”
क़ादरी बाबा फरमाते हैं—
“हम तो बस वसीला हैं… देने वाला सिर्फ़ अल्लाह है।”
--देश-विदेश के मरीजों को भी शिफा!
मुंबई, पूना, सूरत, दिल्ली के और दुबई, सऊदी, ओमान आदि जगहों मे रह रहे लोगो को भी रूहानी तरकीब/दुआ से फायदा निरन्तर हो रहे है!
🕋 क़ादरी बाबा की रूहानी ताक़त — उनके पीर का साया
क़ादरी बाबा अपनी हर कामयाबी
अपने रूहानी पीर, मुर्शिद
ग़ौसुल आज़म हज़रत सय्यद शेख अब्दुल क़ादिर जिलानी रदियल्लाहु तआला अन्हु की निगाह-ए-करम और रूहानी साया का नतीजा बताते हैं।
🕌 रूहानी सिलसिले की मजबूत नींव
जिन मुकद्दस हस्तियों के साए में उनकी रूहानी परवरिश हुई—
हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह गरीब नवाज़ — अजमेर शरीफ, राजस्थान
सूफ़ी मखदूम हज़रत अशरफ़ जहाँगीर सेमनानी रहमतुल्लाह अलैह — किछौछा शरीफ, अम्बेडकर नगर यू पी
हज़रत ख्वाजा, दीवान, इमाम, मखदूम, ग़ौसुल वक़्त, चिराग ए रब्बानी हज़रत मौलाना मोहम्मद कामिल नोमानी रहमतुल्लाह अलैह जज साहब — भउरा वलीदपुर, आज़मगढ़ यू पी
हज़रत फ़कीर सय्यद शाह मोहम्मद शाह रहमतुल्लाह अलैह उर्फ़ बाबा पंजाबी शाह क़ादरी — आनंदनगर फरेंदा यू पी
हज़रत फ़कीर मोहम्मद अली शाह रहमतुल्लाह अलैह— चिलिहिया, सिद्धार्थनगर यू पी
और सूफ़ी साहब के उस्ताद और वालिद
सूफ़ी हज़रत जावेद आलम खान,
जिन्हें उनके पीर ने “ख़ादिम-ए-रसूलुल्लाह ﷺ” का मुकद्दस लक़ब अता किया।
क़ादरी बाबा अपनी अम्मी सरवरी बेगम की दुआओं को भी अपनी हर कामयाबी की असल ताक़त मानते हैं।
🌟 खिदमत-ए-खल्क—बिलकुल मुफ़्त
सबसे क़ाबिले-तारीफ़ बात—
क़ादरी बाबा किसी भी दुआ, तरतीब या रूहानी शर्बत का पैसा नहीं लेते।
हर आने वाला शख़्स सिर्फ़ दुआ लेकर जाता है—
रकम की कोई बात नहीं।
📍 मुलाक़ात का समय और पता
➤ इतवार:
घर – जयपुरवा, कटेश्वर पार्क के पीछे
(निकट: डॉक्टर K P पर शुक्ला, बस्ती)
➤ जुमेरात:
दारुल उलूम इस्लामिया फ़ैज़ाने आलम, दमया परसा
(निकट: दासिया चौराहा, जिला बस्ती)
📞 दूर से आने वाले लोग मिलने से पहले सूफ़ी साहब के नंबर पर फोन करके वक़्त ले फिर मिले
--रूहानी पनाहगाह
बस्ती और आसपास के इलाक़ों में
क़ादरी बाबा एक रूहानी पनाहगाह का नाम बन चुके हैं। लोग अपनी झिझक, दर्द, नकारात्मक असर और उलझनें लेकर आते है और सुकून, राहत और उम्मीद लेकर लौटते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट
AKP News 786

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